गुरुग्राम NH48 खैडकी दौला टोल प्लाजा मामले में लोक लेखा समिति (पीएसी) ने किया दौरा

सत्य ख़बर, गुरुग्राम,सतीश भारद्वाज: गुरुग्राम में राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 48 पर स्थित खेड़की दौला टोल प्लाजा हटाओ मामल एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। जिसकी समय सीमा समाप्त होने के आठ साल बाद भी टोल वसूला जा रहा है। जहां पर आठ साल पहले केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और तीन साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस टोल प्लाजा को शिफ्ट करने की बात कही थी, लेकिन लोगों को अभी तक कोई राहत नहीं मिली है।
वीरवार को लोगों की शिकायत पर संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) ने खेड़की दौला टोल का दौरा किया तो सांसद भी यह जानकर हैरान रह गए कि जब इस टोल प्लाजा की समय सीमा 2018 में ही समाप्त हो चुकी है तो फिर वे लोग कौन हैं जो इसे चलाने की अनुमति दे रहे हैं। पीएसी में शामिल सांसदों द्वारा उठाए गए सवालों के बाद अब गुरुग्राम के लोगों को इस टोल प्लाजा के शिफ्ट होने की उम्मीद जगी है। जिसको हटाने के लिए काफी दिनों से देशवासी संघर्ष करते आ रहे हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग टोल प्लाजा से गुरुग्राम, मानेसर और आस-पास की करीब 50 से भी ज़्यादा रिहायशी सोसायटियां की आबादी प्रभावित हो रही है। टोल हटाओ संघर्ष समिति बनाकर लोग संघर्ष कर रहे हैं।
यहां से हर रोज़ हज़ारों यात्री पीक ऑवर्स में जाम का सामना करते हैं। 30 मिनट तक जाम में फंसना रोज़ की बात है, कई बार तो एक घंटे से ज़्यादा समय लग जाता है।
गुरुग्राम में खेड़की दौला टोल प्लाजा और द्वारका एक्सप्रेसवे का दौरा करने पहुंचे सांसद
गुरुग्राम में खेड़की दौला टोल प्लाजा और द्वारका एक्सप्रेसवे का दौरा करने पहुंचे । द्वारका एक्सप्रेसवे आरडब्ल्यूए अध्यक्ष यशीष यादव का कहना है कि हम कई सालों से संघर्ष कर रहे हैं। टोल हटाने के लिए हम भूख हड़ताल भी कर चुके हैं। यहां अधिकारी और टोल प्रबंधन मुनाफा कमा रहे हैं। आम लोगों की परेशानी कोई नहीं समझना चाहता।
इस टोल प्लाजा ने लागत से कई गुना ज्यादा कमाई कर ली है। अब गुरुग्राम के लोगों को इससे राहत मिलनी चाहिए। यह सरकार की नाकामी है कि टोल प्लाजा को शिफ्ट करने का मामला अब राजनीति में उलझ गया है और हम ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
यशीश यादव का कहना था कि द्वारका एक्सप्रेसवे के खुलने के बाद नए सेक्टर 81-95 से यात्रा करने वाले अधिकांश लोग अब टोल प्लाजा से बच सकते हैं, लेकिन मानेसर में स्थित आवासीय और व्यवसायिक क्षेत्रों के साथ-साथ सेक्टर 77, 78 और 79 से यात्रा करने वालों की जेब पर इसका असर पड़ना जारी है। आसपास के लोगों को भी शुल्क को लेकर झगड़ा करना पड़ता है।
पीएसी अध्यक्ष केसी वेणुगोपाल का कहना था कि :
लोक लेखा समिति सबसे महत्वपूर्ण विषयों में से एक राष्ट्रीय राजमार्गों पर शुल्क और टोल संग्रह की देखभाल कर रही है, जो इस देश के आम आदमी से संबंधित है।हमने इस टोल प्लाजा की कार्यप्रणाली की जांच करने के लिए साइट का दौरा करने किया है।
हमें जनता से कई शिकायतें मिल रही हैं। हम टोल शुल्क, टैरिफ, बुनियादी ढांचे, दुर्घटनाओं और गुणवत्ता से लेकर हर चीज की जांच कर रहे हैं। फिर हम अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे और उल्लेख करेंगे कि क्या कमी है।
बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल: भारत माला परियोजना का चरण 3 साल में पूरा होना था, लेकिन अब 5 साल हो गए हैं। हमने यह जानने के लिए एक अध्ययन दौरा किया कि यह प्रोजेक्ट कब पूरा होगा। यहां हर दिन लगभग 4 लाख ट्रैफिक की भीड़ होती है। प्रोजेक्ट का निर्माण होने के बाद यहां दो लेयर वाली सड़क बनाई जाएगी।
19 किलोमीटर का एलिवेटेड फ्लाईओवर बन गया और 3.5 किलोमीटर से ज्यादा का अंडरपास बन रहा है, उसके बाद ट्रैफिक नियंत्रित होगा। हमने यह भी सवाल उठाया कि खेड़की दौला टोल प्लाजा 2008 में बना था और 2020-21 में खत्म हो गया। इसे स्थानांतरित किया जाना चाहिए था, तो अब तक किया क्यों नहीं। ये सभी मुद्दे थे, जिसको लेकर पीएसी ने दौरा किया। तथ्य और निष्कर्ष के बाद हम रिपोर्ट तैयार करेंगे।
भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी: लोक लेखा समिति सरकार की आंख और कान हैं, हमारा काम कमियों और खामियों का पता लगाना और सुधारात्मक उपायों के लिए सरकार को रिपोर्ट करना है। इसलिए समिति बहुत रचनात्मक भूमिका निभाती है और इसी के चलते हम गुरुग्राम क्षेत्र में आए हैं!
सपा सांसद धर्मेंद्र यादव: हम एक बेहतर समिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए भौतिक रूप से यह दौरा कर रहे हैं। टोल बढ़ रहे हैं, इसलिए हम सुविधाओं की जांच करने के लिए लोक लेखा समिति खेड़की दौला टोल प्लाजा और द्वारका एक्सप्रेसवे पर अध्ययन दौरा करने निकली है।
हालांकि एनएचएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि यह नीतिगत मामला है और टोल प्लाजा को स्थानांतरित करने या न करने का कोई भी निर्णय मुख्यालय स्तर पर लिया जाएगा। फिलहाल हमें कोई निर्देश नहीं दिया गया है।